Pyasa kavi
एक कुंडलियां –कर्मों की लेखा :–
इसे उसे मत देखिए , चलिए खुद को देख।
होना है जो वह लिखा, तेरे हाथों लेख।।
तेरे हाथों लेख, पूर्व कर्मों का लेखा।
सोलह आने सत्य,होय किस्मत की रेखा।।
प्यासा दें क्या दोष, तू ही कहो किसे किसे।
चलें सुधारें कर्म, देखें नहीं उसे इसे।
✍️- ” प्यासा “