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29 Nov 2025 · 1 min read

आज नाराज क्यों हो

आज क्यों नाराज हो, बात क्या हो गई।
कहो तुम हमसे आज, भूल क्या हो गई।।
आज क्यों नाराज हो———————-।।

एक पल भी नहीं रहते थे, हमारे बिना तुम।
हंस-हंसकै बातें करते थे, बैठकर करीब तुम।।
कहते थे हमको ख्वाब तुम, अपनी जिंदगी का।
क्यों भूल गए बात वह, तारीफ कहाँ गई।।
आज क्यों नाराज हो——————।।

महाकाया तुमने हमको क्यों, एक फूल की तरहां।
चमकाया तुमने हमको क्यों, एक माहताब की तरहां।।
रहती थी रौनक चेहरे पर, मिलने की खुशी में।
सूरत क्यों आज यह आपकी, बेनूर हो गई।।
आज क्यों नाराज हो——————–।।

तोहफा जो रोज लाते थे, आज क्यों नहीं लाये।
पैगामे-मोहब्बत का खत, आज कहाँ छोड़ आये।।
इन जुल्फों को सहलाने वाले, हाथ वो कहाँ है।
क्यों हमसे आज इतनी, तुमको नफरत हो गई
आज क्यों नाराज हो———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)

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