जीत का भ्रम
जीत का भ्रम
कोई मुकाम तब तक पूरा नहीं होता,
जब तक वह पूर्ण जीत न बन जाए।
अक्सर हम
अहम् में डूबकर अपने सफ़र को ही जीत मान लेते हैं,
और मंज़िल तक पहुँचकर भी जीत से कोसों दूर रह जाते हैं ।
वन्दना सूद
जीत का भ्रम
कोई मुकाम तब तक पूरा नहीं होता,
जब तक वह पूर्ण जीत न बन जाए।
अक्सर हम
अहम् में डूबकर अपने सफ़र को ही जीत मान लेते हैं,
और मंज़िल तक पहुँचकर भी जीत से कोसों दूर रह जाते हैं ।
वन्दना सूद