#मुक्तक...
#मुक्तक…
लेना एक, न देना दो।
(प्रणय प्रभात)
“बताने की ज़रूरत क्या, मगर पड़ता है बतलाना।
उधर थोथी रईसी है, इधर ख़ालिस फ़क़ीराना।।
कोई पागल हैं जो बातें करें, अंजान बस्ती की।
वहां के कोस क्या गिनना, कि जिस रस्ते नहीं जाना।।”
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संपादक
न्यूज़&व्यूज
श्योपुर (मप्र)