करुणाकर भगवान का, भजकर देखो नाम।
करुणाकर भगवान का, भजकर देखो नाम।
बढ़ जाएगा आत्मबल, होंगे सारे काम।।
दो अक्षर में ब्रह्म का, अद्भुत पावन नाम।
भजने वाले तर गए, पहुँचे प्रभु के धाम।।
जीवन में अनुराग हो, हर्ष भरा हर शाम।
प्रातः वंदन कर कहो, दिल से जय श्री राम।।
अखिल ब्रह्माण्ड में रमे, कण-कण में अभिराम।
निश्छल चित होता सदा, लेकर प्रभु का नाम।।
“पाठक” निर्मल मन सदा, नेह चरण श्री राम।
रसना पर प्रभु नाम से, निर्भय मन निष्काम।।
:- राम किशोर पाठक (शिक्षक/कवि)