सुर्ख़रू कर जाएगा दिल
गज़ल
ज़िन्दगी में नाम को भी , सुर्खरू कर जाएगा दिल,
क़ाफिया मिल जाये तो फिर,इक गज़ल कर जाएगा दिल।
यूँ तो दुनिया में बहुत से , लोग शायर बन चुके हैं ,
फिर नया रुतबा लिये उन,से ही मिल कर जाएगा दिल ।
क्या हुआ लोगों को , ये सब झूठ का पहने लबादा ,
सच अगर बोला गया तो , बे – वजह डर जाएगा दिल ।
वक़्त ने करवट जो ली है , जा – बजा बदला ज़माना ,
बेहिसी हद से बढ़ी तो , देखना मर जाएगा दिल।
गम – गुसारों से न पूछो , आजिज़ी का फिर ये आलम ,
दर्द उनकी ही जुबानी , ‘नील’ सुन कर जाएगा दिल।
नीलोफर ख़ान नील रूहानी