बड़ी नज़ाकत से हमने .....
बड़ी नज़ाकत से हमने …..
बड़ी नज़ाकत से हमने
यादों को दिल में पाला है
अपने -अपने दर्दों को
मुस्कराहट में ढाला है
मुद्दा ये नहीं कि
चिराग
बेवफ़ाई का जलाया किसने
सच तो ये है
अश्क
चश्म में
दोनों ने संभाला है
ये हाला है उल्फत की
उल्फत का ये प्याला है
पाक मोहब्बत का दोनों के
दिल में पाक शिवाला है
बड़ी नज़ाकत से हमने
यादों को दिल में पाला है
सुशील सरना
स्वरचित