जिंदगी
हो जिंदा अगर इस जिंदगी में तो बढ़ना होगा
हक है अगर अपना हर हाल में लड़ना होगा
लड़े बिना तो कोई राम परशुराम नहीं होता
रचना अगर इतिहास है तो कुछ करना होगा
है शब्द अगर सृष्टि में तो फिर कहना होगा
हर शब्द का है अर्थ उसे फिर रखना होगा
निम्न है स्त्री कहां लिखा बताओ तो जरा
तुम्हें पुनः स्वयं का अध्ययन करना होगा