जिंदगी में आप कुछ भी करो
जिंदगी में आप कुछ भी करो
ये acceptance के साथ करो कि हार होगी, बुरा वक्त आएगा, ये सवाल भी आयेगा में ही क्यों, में सवाल भी आयेगा और कितना करना होगा मुझको। ये अगर आप acceptance के साथ यात्रा पर लिखोगे तो आप overthinking anxiety के process को settle कर लोगे क्योंकि motovation हो या डिसिप्लिन उसके लिए आपका राइट prespective ओर राइट mindframe में रहना जरूरी है।
हम लोग जैसे हार्डशिप देखी फेलियर थोड़ा ज्यादा देख तो एक्सेप्टेंस न करके अपने लाइफ में सरेंडर वाले जोन में चले जाते है। आपको समझना होगा
Accptance और surrendor में फर्क होता है।
कोई भी यात्रा acceptance ओर समझ के साथ शुरू करे। क्योंकि यात्रा की वास्तविकता से अवगत रहेंगे तो prespective , मोटिवेशन ओर अनुशासन का चित्रण स्पष्ट होगा।
वरना demotivation हताशा इसी वजह से आती है
आपके बिना किसी दृष्टिकोण ओर परिदृश्य के साथ यात्रा काम ओर मेहनत शुरू किया