यही वजह है कि---------
यही वजह है कि गलत नहीं उठाता कदम।
खास दिल को नहीं होता तुमसे प्यार सनम।।
यही वजह है कि————————–।।
तुमने तो किया नहीं जबकि कोई अहसान मुझपे।
तुम्हारे लिए तो मेरे दिल में भरा है बहुत रहम।।
यही वजह है कि———————–।।
खून तेरा करने को उकसाती है तेरी हरकतें मुझको।
मगर नहीं है खूनी, मेरे मजहब के करम।।
यही वजह है कि———————–।।
लुटाता रहा हूँ तुम पर खुशी, मुझको लूटा है तुमने।
बर्बाद तुमको करने में, मुझको आती है शरम।।
यही वजह है कि————————-।।
किसी भी तरह से, जबकि तू नहीं है पाकीज़ा।
मगर दिला रखी है मेरे दिल ने मुझको कसम।।
यही वजह है कि————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)