*चॉंदीवाला मंदिर में भव्य तुलसी-विवाह*
चॉंदीवाला मंदिर में भव्य तुलसी-विवाह
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3 नवंबर 2025 सोमवार की सायंकाल कूॅंचा परमेश्वरी दास (निकट बाजार सर्राफा, मिस्टन गंज), रामपुर की गलियॉं भक्ति-भाव से आलोकित हो गईं। एक सौ के लगभग नर-नारी तुलसी और शालिग्राम के विवाह की सहस्त्रों वर्ष पुरातन परंपरा के साक्षी बने। मंदिर की सीढ़ियॉं चढ़कर भक्तों ने भगवान शालिग्राम और तुलसी की प्रतिमा को पुष्प चढ़ाए। फल, फूल, मिष्ठान अर्पित किए। अनेक मंत्र, श्लोक और गीत भावपूर्वक मधुर कंठ से गाए।
यह आयोजन भगवती बाजार के पीछे स्थित भगवती मंदिर से आरंभ हुआ और चॉंदी वाला मंदिर पर संपन्न हुआ। यह बाराती और घराती थे, जो सज-धज कर देव विवाह को संपन्न होते हुए अपने नेत्रों से देखना चाहते थे। गली में शायद ही कोई घर ऐसा होगा जहॉं का कोई प्रतिनिधि न आया हो।
बारात के आगमन का स्वागत श्री गोविंद गुप्ता चॉंदी वालों ने मंदिर के मुख्य द्वार पर खड़े होकर किया। मंदिर यों तो काफी पुराना है लेकिन विगत एक वर्ष में श्री गोविंद गुप्ता की सक्रियता से इसमें आमूल-चूल निखार आ गया है। भगवान विष्णु और लक्ष्मी की विशाल मूर्तियों के सम्मुख तुलसी-शालिग्राम के विवाह की रस्म हुई। काले कसौटी के अनगढ़ पत्थर के रूप में भगवान विष्णु उपस्थित थे, तो तुलसी देवी की प्रतिमा सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित थी।
गोविंद गुप्ता चॉंदी वालों ने बातचीत के मध्य बताया कि इस वर्ष मंदिर का स्वरूप भी क्योंकि निखर चुका है, रंगाई-पुताई-निर्माण आदि का कार्य भी काफी हो चुका है, अतः मन में यह प्रेरणा जागी कि तुलसी विवाह आयोजित कर लिया जाए। बस फिर क्या था! सचमुच विवाह की उत्सव-धर्मिता कूॅंचा परमेश्वरी दास में साकार हो गई। बरातियों और घरातियों के स्वागत-सत्कार के लिए मंदिर के बाहर प्रांगण में आलू की टिकिया, गोलगप्पे, मुरादाबादी दाल, गुलाब-जामुन, चाय आदि के स्टॉल लगे हुए थे। इनका स्वाद विवाह में सम्मिलित सभी जन काफी देर तक लेते रहे। सामाजिक कार्यकर्ता श्री गौरव अग्रवाल और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रतिभा अग्रवाल हाथों में तुलसी-शालिग्राम की प्रतिमाऍं लेकर प्रथम पंक्ति में चल रहे थे। एक सज्जन बारातियों के गले में रामनामी दुपट्टे पहना रहे थे, तो दूसरे सज्जन गले में सुंदर मालाऍं पहना रहे थे। कार्यक्रम के आयोजन में श्रीमती सुनीता मिश्रा जी की केंद्रीय भूमिका रही। आप भगवती मंदिर की पुजारिन हैं।
तुलसी विवाह का यह भव्य आयोजन इस बात का प्रमाण है कि भारत की संस्कृति और इतिहास संग्रहालयों में नहीं अपितु भारत की गलियों और घरों में साक्षात जीवंत है।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451