*हारी सत्ता इंद्र की, गोवर्धन की जीत (कुंडलिया)*
हारी सत्ता इंद्र की, गोवर्धन की जीत (कुंडलिया)
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हारी सत्ता इंद्र की, गोवर्धन की जीत
मंत्र स्वदेशी का सुनो, गाओ इसके गीत
गाओ इसके गीत, स्वदेशी हृदय लगाओ
क्या कर लेगा इंद्र, अगर तप पर अड़ जाओ
कहते रवि कविराय, झुकेगा स्वेच्छाचारी
बाल-कृष्ण के हाथ, निरंकुश सत्ता हारी
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451