*जिसको सोचा नहीं कभी वह, जीवन में हो जाता है (हिंदी गजल)*
जिसको सोचा नहीं कभी वह, जीवन में हो जाता है (हिंदी गजल)
________________________
1)
जिसको सोचा नहीं कभी वह, जीवन में हो जाता है
किंकर्तव्यविमूढ़ उस समय, हर मानव कहलाता है
2)
जीवन समझो एक फिल्म है, कुछ रहस्य-रोमांच लिए
मानव है अनजान जानता, पर सर्वज्ञ विधाता है
3)
दो पल का बस समय मिला है, जीवन के इस मेले में
मूर्ख किंतु मानव उसको भी, लड़कर व्यर्थ गॅंवाता है
4)
पता नहीं जो आज मिला है, कल वह जाने किधर चले
मिलने और बिछुड़ने का क्रम, संग सभी के आता है
5)
कभी किसी को कड़वा बोलो, तो सौ बार जरा सोचो
इस जिह्वा को अक्सर आकर, लकवा-रोग चिढ़ाता है
6)
अपनी ताकत के बारे में, रहता है भ्रम सबको ही
मरण एक दिन आकर उनको, लघु औकात दिखाता है
7)
जैसे मौसम तरह-तरह के, आते हैं इस दुनिया में
अच्छा-बुरा समय वैसे ही, ज्ञानी पुरुष बिताता है
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451