ज़ुल्म हैरान हो गया होगा
ज़ुल्म हैरान हो गया होगा
ज़हर मीरा में जब पिया होगा
सच का अंजाम और क्या होगा
सर मेरा जिस्म से जुदा होगा
ऐब सब में उसे नहीं दिखते
अपने अंदर जो झांकता होगा
अम्न की बात और तेरे लब पर
आज फिर कोई हादसा होगा
काश तू मेरा हमसफ़र हो जाए
रास्ता फिर ये रास्ता होगा
भूल कर देखिए अदावत को
“दोस्ती का अलग मजा होगा”
नींद मुझ से भी रूठ बैठी है
वो भी रातों को जागता होगा