मुझे समझने वाले केवल आप हैं पापा,
मुझे समझने वाले केवल आप हैं पापा,
मेरे कर्मों से खुश होने वाले आप हैं पापा,
जब भी कभी कुछ अच्छा लिख पाती हूं,
उसके प्रेरणास्रोत केवल आप हैं पापा।
वरना लोग सरलता को समझते हैं बेवकूफी,
सत्य भी झुक जाता जब होती चापलूसी,
संसार में सबके सोच विचार अलग-थलग,
खुद के जैसे सबको कैसे बनाऊं मैं पापा।