भव्य प्रदर्शन शौर्य का
कुण्डलिया
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भव्य प्रदर्शन शौर्य का, देख रहा है देश।
गगन तिरंगा हो गया, नैसर्गिक परिवेश।
नैसर्गिक परिवेश, गर्व का भाव जगाए।
प्रगति पथ पर देश, निरंतर बढ़ता जाए।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, प्रफुल्लित हैं सबके मन।
रोमांचित हैं लोग, देखकर भव्य प्रदर्शन।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०८/१०/२०२५