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29 Sep 2025 · 1 min read

सुनो

सुनो
उतना
जितना
तुम्हारी अंतरात्मा सुन सके
विवाह कोई अपराध नहीं होता है
निभाओ
पर उनसे
जो तुम्हारा हित चाहे
हर सही-गलत बात को सहना आवश्यक नही है
जब, जहाॅं, आवश्यक हो, बोलो
लोग तुम्हारा सम्मान करें
तब तुम लोगों का सम्मान करो!
अपने को पायदान बनाने से बचो
हर रिश्ता बचाने का ठेका तुम्हारा नहीं है!
तुम ईश्वर की अनमोल कृति हो, तुम्हारा समय बहुत कीमती है
हर पल का सदुपयोग करो और खुश रहो!

रश्मि लहर

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