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13 Sep 2025 · 1 min read

खुद से खुद की हो गई,

खुद से खुद की हो गई,
आज अचानक रार ।
जीवन का संघर्ष से,
क्यों होता शृंगार ।।

सुशील सरना / 13-9-25

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