लिखने बैठे जो ज़िन्दगी तुझको ,
लिखने बैठे जो ज़िन्दगी तुझको ,
सारे अल्फाज़ बेजुबां निकले।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
लिखने बैठे जो ज़िन्दगी तुझको ,
सारे अल्फाज़ बेजुबां निकले।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद