कुण्डलिया छंद
🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
बोया जो सो उग रहा, फसल कर्म लहलाय ।
जैसा बोया बीज था, वैसा ही फल पाय ।।
वैसा ही फल पाय, सोच यदि बीज उगाता।
नयनों से तू अश्रु, बावले नहीं बहाता।
तूने बोया बीज, देख क्यों फल को रोया।
वही मिला नादान, बीज जो तू ने बोया ।।
०
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ज्योति’,
मथुरा ।
***
🍃🍃🍃