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8 Sep 2025 · 1 min read

खड़े रहे फिर भी चले,

खड़े रहे फिर भी चले,
दो दिल मीलों साथ ।
आया दिल को होश तो,
हाथों में था हाथ ।।

सुशील सरना / 8-9-25

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