आज मनाते हम सभी, एकादश त्यौहार।
आज मनाते हम सभी, एकादश त्यौहार।
गणपति शंकर सिंह उमा, करते हैं उद्धार।।
मातृ प्रेम का पर्व है, नारायण बलिहार।
रोग शोक का शमन कर, करता स्वास्थ्य प्रसार।।
एकादश यह कर्म का, आती है हर बार।
जोड़ प्रकृति के संग में, दे जीवन में प्यार।।
संवेदना इसमें छुपा, जान सके जो यार।
उसको मिलता शीघ्र फल, आता सदा निखार।।
एकदंत के शरण में, “पाठक” करे विचार।
शक्ति संग शिव विष्णु की, कृपा करे उजियार।।
:- राम किशोर पाठक (शिक्षक/कवि)