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6 Sep 2021 · 1 min read

निर्बल का बल

तू ही मौला तू ही दाता ,
मन मेरा गुण तेरे गाता ।

तेरे बन्दे तुझको प्यारे ,
करतब उनके अदभुत न्यारे ।

दुनियाँ से कुछ चलते हटकर
मन मौजी वो करते डटकर ।

जब भी कोई संकट आता ,
दिल मेरा संग तुझको पाता ।

हर मसले का हल है तूही ,
हर निर्बल का बल है तूही ।

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’ पंचकूला

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