*जन्मदिवस पर कृष्ण तुम्हारे, पंजीरी खाई है (हिंदी गजल)*
जन्मदिवस पर कृष्ण तुम्हारे, पंजीरी खाई है (हिंदी गजल)
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1)
जन्मदिवस पर कृष्ण तुम्हारे, पंजीरी खाई है
भादो बदी अष्टमी पावन, सुंदर सुखदाई है
2)
तुम वसुदेव-देवकी के सुत, मानव-रूप धरे हो
पता सभी को पर अवतारी, लीला दिखलाई है
3)
अपने घर का माखन चोरी, तुम कर के ले जाते
दूध-मलाई सदा तुम्हारी, ग्वालों ने पाई है
4)
रास रचाया गाय चराई, यमुना तट पर खेले
मस्ती में डूबा है जिसका, बचपन कन्हाई है
5)
गीता का उपदेश सुनाते, कर्मयोग को गाते
जहॉं कृष्ण-अर्जुन दोनों हैं, वहीं विजय आई है
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451