जय जयकार
मंगलमय हो स्वतंत्रत भारत सौभाग्य,
कोसों दूर रहे दुर्भाग्य,
नव कांति के स्वागत में,
खिली धूप है,खुला गगन है,
चु- चु चीं-चीं कलरव कुल है ,
मंद पवन करे सन-सन सन,
मन हर्षित है, चित्त चंचल,
सुरसर सागर है कल-कल,
प्रचंड वेग है,प्रखर तेज है,
भारत की लाली, उजियाली,
भारत गौरव देख,
नतमस्तक , हरीयाली,
गण देव खड़े हैं मेला में,
भारत के पावन वेला में
अरुण उदित है, जलद गलित है,
जय-जय जनता, जग अभियंता,
सुस्वागतम में, चंद्र दिवाकर,
जयघोष उमा कर जय-जयकार।
उमा झा 🚩🚩🙏🏻🙏🏻