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12 Aug 2025 · 1 min read

रास्ता दिखाने वाला

तेरी राह में जो दीप जलाए,
वो मेंटर कहलाता है,
अंधेरों में भी जो साथ निभाए,
वो मेंटर कहलाता है।

गिरते को थामे शब्दों से,
ना ऊँगली पकड़ता है,
मंज़िल की पहचान कराए,
खुद पीछे हटता है।

जिन्हें सिखाया उड़ना उसने,
वो आसमान छूते हैं,
ख़ुद ठहरकर चलता है कम,
पर रास्ते खोल देता है।

वो गुरु है, पर दोस्त सा,
ना डराता, ना धकेलता है,
बस विश्वास से भीतर झांककर
हमें हौसला देता है।

शब्दों से नहीं, नजरों से भी,
समझा देता है राज़,
हर चुप्पी के अर्थ समझे,
हर चुप्पी को वो बाज़।

वो ना दिखता है हर वक़्त,
पर मौजूद सदा रहता है,
एक साया जो पीछे चलता
और कुछ ना कहता है।

सिर्फ़ किताबों से ना,
जीवन से भी पढ़ाता है,
मेंटर वही होता है जो हर मोड़ पर,
उजाला कर जाता है।

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