कजरी गीत
शीर्षक- #शिव
आज शिव की नगरिया में जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
मन्नत होइहे अब पूरा,
हम चढ़इबो धतूरा-2
हम चढ़इबो धतूरा
हम चढ़इबो धतूरा
फूल-मलवा से शिव के सजइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
आज शिव की नगरिया में जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
आई दुवरे तोहरे दासी
काशी के हो अविनाशी-2
काशी के हो अविनाशी
काशी के हो अविनाशी
सगरो मनसा हम आपन पुरईबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
आज शिव की नगरिया में जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
धक्का मारे पुरज़ोर
भीड़ बाड़े बड़ी जोर-2
भीड़ बाड़े बड़ी जोर
भीड़ बाड़े बड़ी जोर,
बिना दर्शन घर नाही जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
आज शिव की नगरिया में जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
खुलल भगिया हमारी,
दर्शन दिहलें त्रिपुरारी-2
दर्शन दिहलें त्रिपुरारी
दर्शन दिहलें त्रिपुरारी
भवसागर से पार उतर जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
आज शिव की नगरिया में जइबे करब,
दूध हम चढ़इबे करब ना।
@स्वरचित व मौलिक
शालिनी राय ‘डिम्पल’✍️
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना-2
लड़ाई पिया ना हो,
लड़ाई पिया ना-2
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना।।
जब हम खाईं दाल-भात, उनके मचै उत्पात-2
उनके मचै उत्पात,
उनके मचै उत्पात-2
जइसे उनही के भतारे के कमाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना-2
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना।।
बाटी मुँहवा के जोर,
रोज करें तोर-मोर-2
रोज करें तोर-मोर,
रोज करें तोर-मोर-2
उनके आगे नाही बड़न के बड़ाई पिया,
होई गयी लड़ाई पिया ना-2
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना।।
हमरे लंबे-2 बार, करूँ सोरहो श्रृंगार-2
करूँ सोरहो श्रृंगार,
करूँ सोरहो श्रृंगार-2
हमके देखिके कहाथी, काली माई पिया,
होई गयी लड़ाई पिया ना-2
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना।।
हमरे गोरे-2 गाल,
लेंईं शीशा में निहार-2
लेंईं शीशा में निहार,
लेंईं शीशा में निहार-2
हमका देखिके कहाथी
हरजाई पिया,
होई गयी लड़ाई पिया ना-2
छोटी ननदी के बात ना सोहाई पिया, होई गयी लड़ाई पिया ना।।
@स्वरचित व मौलिक
कवयित्री शालिनी राय ‘डिम्पल’✍️
आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश।