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2 Jul 2025 · 1 min read

हे नारी तुमको बंदन हैं

हे नारी तुमको बंदन हैं
तुम रचना सबसे सुन्दर हो
इस धरती के भूतल पर
प्रथम तेरा अभिनन्दन हो
तुम रचना ***********

तुम प्रकृति की फुलवारी हो
तुम बच्चे की किलकारी हो
तुम सिस्कान हो तुम सिहरन
फिर भी न तुममे अकड़न है
तुम प्रेम से भी परिपूरण हो
तुम रचना *************

तुममे हैं त्याग तपस्या भी
सत भी तेरा हैं डिगा नही
तुमसे मानव की काया है
घर घर मे तेरी दाया है
तुम झूठ के दर्पण हो
तुम रचना *************

तुम राधा हो तुम सीता हो
तुम रुक्मणि जीजाबाई हो
तुम पद्धमा तुम ही लक्ष्मी
तुम शबरी अहिल्या माई हो
हर जनम मे पवक दर्शन है
तुम रचना ************

आशीष सिंह”अभ्यंत ”
लखनऊ उत्तर प्रदेश
स्वरचित मौलिक रचना
पिन-226020
मो. न. 8299204158

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