मुझे व्यवहारवाद का किंचित ज्ञान नहीं और प्रेम के पथ पर तुमने
मुझे व्यवहारवाद का किंचित ज्ञान नहीं और प्रेम के पथ पर तुमने बार बार मुझे व्यावहारिकता में समय का गुना सिखाया, पर तुम नहीं जानते प्रेम गुना सिर्फ भावनाओं का करता है, और जोड़ता है दिलों को।
प्रेम में भाग होता है देह का और तुमने देह को जोड़ा और आत्मा को विलग रखा।
ये प्रेम निश्चित ही तुम्हारे पाठशाला के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाता होगा।
मैंने प्रेम में बस घटना सिखा घटाना नहीं।
निवेदिता