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29 Jun 2025 · 1 min read

उमड़ घुमड़ कर मेघ कल छाए हमारी छत पर |

उमड़ घुमड़ कर मेघ कल छाए हमारी छत पर |
तन्हाई का पैग़ाम तुम्हारी लाये हमारी छत पर |
तकिये तले तुमने जितने भी अश्क़ छुपाये होंगे
मेघों ने वो अश्क़ सभी बरसाए हमारी छत पर
©® रागिनी अग्रवाल

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