हमनें बड़े भाग्य से पाया साथ तुम्हारा।
हमनें बड़े भाग्य से पाया साथ तुम्हारा।
तू ही मेरी ज़िन्दगी जीनें का है सहारा।
तेरे पहलू में मेरी हर एक शाम बीते,
तेरे बिना एक पल भी जीना नहीं गँवारा।।
स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी “राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)