योग रखे निरोग
मानव जीवन में योग का है बड़ा महत्व,
जो करता रोज उसके मिटते सारे शारीरिक कष्ट।
सुबह सुबह सूर्य को करना प्रणाम,
आसान पर लगाना योग ध्यान।
शुद्ध वायु में धीरे धीरे सांसों को खींचों,
अपने शरीर का कोना कोना तुम सीचो ।
करो उचित मुद्रा हाथों से धारण,
तन मन के मिलन का बन जाए ये कारण।
मिलेगी मन को सुख समृद्धि शांति अपार,
आत्मा और मन के मिलन का बन जाएगा संसार।
अंग अंग फिर खुद को जाने पहचानेगा,
चुस्ती फुर्ती आनंद की ताकत को मानेगा।
शरीर को मोड़ो फैलाओ बार बार,
मांसपेशियों को मिलता इससे सुडौल आकार।
यही है पतंजलि के योग का सार,
योग से बनता हर मानव सुखी संसार।
स्वरचित मौलिक रचना
दिव्यांजली वर्मा अयोध्या उत्तर प्रदेश