यह दुहा है मेरी------- ?
(शेर)- मैं चाहता हूँ कि यह तारा हमेशा यूँ ही चमकता रहे।
कभी कम न हो इसकी रोशनी, चिराग यह जलता रहे।।
गर कभी आये तुम पर कोई मुसीबत, तो मैं यही कहता हूँ।
तू देना खुशी से अपने गम मुझे, ताकि खुश तू हमेशा रहे।।
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यह दुहा है मेरी, तू सदा खुश रहे।
दीप घर में खुशी का, यह जलता रहे।।
यह दुहा है मेरी——————–।।
राहों में कांटें तो बहुत होंगे मगर।
नहीं हारना हिम्मत तू , इनसे डरकर।।
तुमको मंजिल मिलेगी, कभी ना कभी।
तू नहीं छोड़ना, अपनी मंजिल मगर।।
आहिस्ता-आहिस्ता चलते रहना सदा।
तुमको उलझन कोई मन में ना रहे।।
यह दुहा है मेरी———————।।
तू है सपना हमारा, खुशी हर लिए।
तू है खुशी हमारी, जीने के लिए।।
तुमको पाला है हमने, बहुत ख्वाब से।
तू है आशा है हमारी, जीवन के लिए।।
हर बुरे साये से दूर तुमको रखा।
यह रोशन खुशी तेरी, कल भी रहे।।
यह दुहा है मेरी——————-।।
उम्र हमारी भी यह, लग जाये तुम्हें।
और इज्जत सभी से, मिले यहाँ तुम्हें।।
तू नहीं छोड़ना साथ, सच्चाई का।
हर किसी की मिलेगी, दुहायें तुम्हें।।
रहे महका कल भी, चमन यह तेरा।
और आबाद यहाँ तू , सदा ही रहे।।
यह दुहा है मेरी——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)