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21 Jun 2025 · 1 min read

कुछ लोगों के पास जैसे-जैसे

कुछ लोगों के पास जैसे-जैसे
पैसे आते-जाते हैं
मन छोटा होता जाता है
भावना कुंठित होती जाती है
होते जाते हृदय विहीन
इंसानियत मरती जाती है।
पर इन सबसे अलग-थलग
ये बस पैसे का खेल रचाते हैं
अपने हर बुनियादी रिश्ते तोड़
मतलब की साथ निभाते हैं।
इनका ना कोई धरम-ईमान
ना कोई अब नातेदारी
जिधर से आता पैसा दिख जाए
बस उधर का होता पलड़ा भारी।

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