कहीं गर मिल जाये हम------- ?
करेंगे बात क्या हम तुम, कहीं गर मिल जाये कल हम।
पूछेंगे हाल क्या हम तुम, या फिर बोलेंगे कुछ नहीं हम।।
करेंगे बात क्या हम तुम———————–।।
ना बोलो बोल तुम ऐसे, नहीं हो जो पसंद दिल को।
कहो नहीं सच भी तुम ऐसा, करें नाराज जो दिल को।।
मीठे बोल ऐसे भी नहीं हो, लगे नहीं सच कुछ उसमें।
मालूम होगा कभी जब सच, मिलना क्या चाहेंगे तब हम।।
करेंगे बात क्या हम तुम————————–।।
करो अपमान नहीं उसका, जो देता है तुमको सम्मान।
जो देता है तुम्हारा साथ, भूलो नहीं उसका तुम अहसान।।
फूल बरसाये जो हम पर, उजाड़े नहीं चमन उसका।
छूटे हैं आज हाथ जैसे, मिलेंगे कल भी ऐसे हम।।
करेंगे बात क्या हम तुम———————–।।
छोड़िये गुस्सा भी अब तो, अहमो-गिलवें अपने मन से।
जरा मुस्कराइये अब तो, मिलावो हाथ यहाँ सबसे।।
अदावत यूँ बेमतलब की, रखेंगे हम अगर यहाँ पर।
मिटेगी कैसे यह नफ़रत, मिलेंगे क्या खुशी से हम।।
करेंगे बात क्या हम तुम————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)