बरसात
बरसात
बरसात के सुहावने मौसम में ,
चारों और हरियाली की चादर
पेड़ – पौधों की करों देखभाल
खिलकर मोगरा , चमेली गुड़हल
रहती रंगबिरंगी फूलों की बहार
बारिश की बूंदें – बूंदें ,
ठंडी – ठंडी हवा अनोखी
आनंद प्रदान कराती
गीली मिट्टी की खुशबू ,
बहुत सुखद महसूस कराती
बारिश धरा को खुबसूरत बनाती
वहीं कई बिमारियों को आमंत्रित कराती
घर के चारों और ना पानी जमा होने दो ,
फिसलन भरी जगह पर बरते सावधानी
स्वाभाविक मन क्षणिक आनंद लेता
आपदा – विपदा कब आयेगी ना पता
बारिश में नदी नाले उफान पर ,
जो जाने जल्दबाजी करे ,
पानी के भंवर में फसते
– राजू गजभिये (सीताराम)