जो फूल अभी पूरी तरह खिल भी न पाए,
जो फूल अभी पूरी तरह खिल भी न पाए,
अपनी आंखों से यह दुनिया देख भी न पाए ,
ऐसे मासूम , प्यारे फूलों को क्यों मसल दिया ?
ए खुदा ! तुझे बेरहम नहीं तो क्या कहा जाए ।
जो फूल अभी पूरी तरह खिल भी न पाए,
अपनी आंखों से यह दुनिया देख भी न पाए ,
ऐसे मासूम , प्यारे फूलों को क्यों मसल दिया ?
ए खुदा ! तुझे बेरहम नहीं तो क्या कहा जाए ।