बाबा!
बाबा!
तुम सोना नहीं
जब तुम सो जाते हो ना
मुझे कुछ भी नहीं सूझता
यह संसार सूना हो जाता है
अचानक मेरा दुःख दूना हो जाता है
बाबा!तुम सोना नहीं
आँखें कभी बंद मत करना।
क्या बताऊँ,क्या हो जाता है
तुम्हारे बिना
संसार निस्सार हो जाता है।
बाबा!
तुम सोना नहीं,
पल भर भी आँखे बंद मत करना।
-अनिल मिश्र