कितने कायर! स्वाभिमान पर, चोट रोज हम सह लेते।
कितने कायर! स्वाभिमान पर, चोट रोज हम सह लेते।
‘गौ हत्या हो बंद’ हमीं बस, नारों में ही कह लेते।
जिन गौ वंशों हेतु पूर्वजों, ने नर – मुण्ड उखाडे़ थे।
आतातायी उसी धरा पर, जिंदा कैसे रह लेते।।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’