बाला जी हनुमान स्तुति
हे अंजनी पुत्र शान्ताय।
तुम्हारी कृपा से हम बल पाए।।
तुम्हारी भक्ति से भय डर भागे।
तुम्हारी दया से मोह दुख त्यागे।।
तुमसे ही हो दिन और रातें।
तुमको प्रिय प्रभु राम की बातें।।
सर्वरोगहराय भविष्य चतुरानन।
पल में जला दी लंका दशानन।।
रामचंद्र के भक्त हनुमान।
तुम हो अमर बलशाली बुद्धिमान।।
तुमको प्रिया तुलसी का पात्र।
तुम्हरा 108 नाम जपे दिन रात।।
होय सुख शांति खुशहाली।
उसकी भक्ति न जाए खाली।।
पढ़े जो सात बार बजरंग बाण पाठ।
उसके होते पूरे सब काज।।
वायु पुत्र हनुमत कपीश्रराय।
रूद्रवीर्य श्रीमते रामभक्ताय।।
जय जय जय धीराय शूराय।
सीता मुद्राप्रदाता विभीषण प्रियाय।।
तुम्हारे बखान हर भक्त नित गाये।
तुम्हारी कृपा से दुख मिट जाए।।
कलयुग के हो तुम भगवान।
महाबली बजरंगी हनुमान।।
हृदय में तुम्हारे बसे प्रभु राम।
सीता मैया से पाए वरदान।।
शिव के हो तुम रुद्र अवतार।
कर दो मेरा बेड़ा पार।।
विलंब ना करो प्रभु करो कल्याण।
वीर बजरंगी वीर हनुमान।।
तुमको जो नित पान चढ़ाए।
दिया बाती और धूप दिखाएं।।
ॐ हनु हनु हनु हनुमते नमः।
ॐ वीरा वीराय रुद्राय नमः।।
ॐ सीता शोकविनाशनाय नमः।
ओम शिवधर्मा प्रतिशताय नमः।।
दुख दारिद्र रोग मिटाओ।
अपने भक्तों पर कृपा दिखाओ।।
होवे कृपा जो ले तुम्हरा नाम।
कृपा करो बाला जी हनुमान।।
स्वरचित मौलिक रचना
दिव्यांजली वर्मा अयोध्या उत्तर प्रदेश