नापाक- इस्तान !!
तुम जैसा चाहो वैसा करना
धर्म पूछना , जात पूछना ,,
मजहब पूछना , ईमान पूछना
तुम चाहो कलमा पढ़वाना ,,
तुम चाहो पर्दा करवाना
तुम जैसा चाहो वैसा करना
तुम कहदो तो ये देश तुम्हारा ,,
तुम लेलो तो कश्मीर तुम्हारी
तुम समझो पंजाब तुम्हारा ,,
सिंधु झेलम चेनाब तुम्हारा
नफ़रत जिहाद बैर तुम्हारा
रेत पाताल जहन्नुम तुम्हारा ,,
तुम पर बीता कर्मा तुम्हारा
टूटा हुआ है मुल्क तुम्हारा ,,
बंजर फटी जमीन तुम्हारी
मतमैला हैं अमीन तुम्हारा ,,
फूटी कौड़ी इज्जत तुम्हारी
विदेश में खोया नाम तुम्हारा ,,
भारत से हैं जन्म तुम्हारा
आर्यावर्त है कर्म तुम्हारा ,,
शवान सा मानचित्र तुम्हारा
समंदर में डूबा चारित्र तुम्हारा ,,
शून्य में समाया व्यक्तित्व तुम्हारा
पिता से समझो कर्त्तव्य तुम्हारा ,,
कीड़े से नीची जात तुम्हारी
सिफ़र समान औकात तुम्हारी ,,
टूटे हौसले फीकी कोशिशें
बेगैर – बद जात सरकार तुम्हारी …
~Jayant jyoti