बाप बेचारा टू टू हूँ टू
केहू ना बोले बतियावेला
केहू ना पजरे आवेला
बइठ दुआरे रस्ता देखे
बाप बेचारा टू टू हूँ टू
हाड़ मास ना हमरे लग्गे
दिन काटीला हम एक लंगे
इहे सोच के एक दिन बीते
ई का बिधना कइला तूँ ?
पोती पोता दुरे भागे
दिन भर सबसे पानी मांगे
अनसाला ढेसुराला सबही
का दिन भर नरियाला तूँ ?
समय देखाई सबके रस्ता
मोर पसीना सबसे सस्ता ?
खून बाँट के जहर मिली हो
केकरा के पतियाला तूँ ?
जियते पानी हाड़ ना पउलस
मरते पानी पीपर लिहलस
तेरहीं में पकवान बनऊला
नारा बांध नहइला तूँ
~ धीरेन्द्र पांचाल