बुद्ध पूर्णिमा
तर्ज़ :- ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है…
हो..हो…हो…
बुद्धम शरणम गच्छामी,
धम्मम शरणम गच्छामी,
संघम शरणम गच्छामी,
बुद्धम शरणम गच्छामी,
त्रिरतनो से बना ये संगम है,
विचारों का ये उदगम है..
सिद्धान्त चार है जिनके,
शिक्षा के केन्द्र कहाये।
दुःख, समुदय और निरोध है,
और मुक्ति का मार्ग दिखाए।।
दुनिया को ज्ञान दिया है,
दुक्खों का निदान दिया है।
गौतम की शिक्षाएं अनुपम है,
विचारों का ये उदगम है..
सम्यक दृष्टि तुम रक्खो,
सम्यक संकल्प ही रखना।
सम्यक वाणी तुम बोलो,
और सम्यक कर्म ही करना।।
सम्यक आजीविका रक्खो,
सम्यक व्यायाम ही करना।
सम्यक स्मृति अपनाओ,
सम्यक समाधि ही धरना।।
अष्टांगिक मार्ग बुद्ध का उत्तम है
विचारों का ये संगम है.