Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Mar 2021 · 1 min read

सौ सलाम करती हूँ

“जो तुमने लिख दिया
उसको मैं सौ सलाम करती हूँ,
तुम ऐसे लिखते हीं जाओ
यही अरमान करती हूँ,
बसे हो सबके दिल मे तुम ,
तुम्हे सब चाहते हैं पर,
मैं हूँ ऐसी कि तुम पर
ठाट से अभिमान करती हूँ।
क्योंकि मैं तुमसे प्यार करती हूँ।।
तेरा हर ख्वाब हो पुरी
रब से यही मैं
बस दुआ करती हूँ।
तेरी लेखनी में मानवता बसे
इसे जग सौ- सौ बार पढ़े
रग रग में मानवता बहती।
हरदम मुझसे कहते रहतें।
दे जाऊं कुछ और ,जमाने तुझको,
काव्य धारा मेरी ,ऐसी बहती ।।
जो तुमने लिख दिया
उसको मैं सौ सलाम करती हूँ।

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

Loading...