अच्छा है**
ये होंठ फड़के तो,पर चुप रह जाए
अच्छा है
कानों को सुनने दो,पर बहरा रह जाए
अच्छा है
स्मृतियाँ जीवित हों,पर मृतक रह जाएं
अच्छा है
मन की आवाज़ दिल में रखो,कहे रहीम
अच्छा है
बातें सुन लो सबकी,पर दिल पर न लग जाए
अच्छा है
साभका रखो हर रंग से,पर कोई चढ़ न जाए
अच्छा है
काम कर जाना कुछ ऐसा,भला हो जाए
अच्छा है
लफ़्ज़ों से सजा लो,कोई दिल को छू जाए
अच्छा है
सहर्ष स्वीकार सभी है,कुछ न बदलेगा
अच्छा है
ख़ुद का दिल टूटे,तुमसे न टूटे कोई
अच्छा है ।
प्रतिकार ज़रूरी है,पर ख़ुद साधा जाए
जो है,जैसा है सब अच्छा है,स्वीकार ज़रूरी है
कि सब अच्छा है ।
मंजुला श्रीवास्तवा
12/5/25