ना कोई मजबूरी मेरी
ना कोई मजबूरी मेरी
ना हूं मैं मजबूर
शिक्षा की ज्योति जलाने को
हां मैं भी बना मजदूर
मैं भी बना मजदूर
काम ये सबसे अच्छा
बच्चों को खूब सिखाने को
जब मैं बन जाता बच्चा
✍️ ✍️अरविंद गिरि (स्वरचित)
ना कोई मजबूरी मेरी
ना हूं मैं मजबूर
शिक्षा की ज्योति जलाने को
हां मैं भी बना मजदूर
मैं भी बना मजदूर
काम ये सबसे अच्छा
बच्चों को खूब सिखाने को
जब मैं बन जाता बच्चा
✍️ ✍️अरविंद गिरि (स्वरचित)