बिन मांगे दे दो तुम प्रेम मुझे
नई हिंदी कविता :___ दे दो तुम प्रेम मुझे
बिन मांगे दे दो तुम प्रेम मुझे
तेरे प्रेम का मैं एक ही प्रेमी हूँ प्रिये।
तेरी आँखों में जो सपना पलता है,
वही तो मेरी हर सुबह का सूरज है।
तेरे नाम से शुरू हो हर एक दुआ,
तेरे नाम पे ही थमे ये हवा।
मैं तो बस तुझमें ही रम जाऊँ,
तेरे प्रेम में हर पल घुल जाऊँ।
ना हो कोई शर्त, ना हो कोई रीत,
तेरा साथ ही मेरे जीवन की जीत।
तेरे हृदय की थाह जो पाऊँ कभी,
तो समर्पण में स्वयं को मिटा दूँ अभी।
चाहे तू कुछ ना कहे, मौन ही सही,
तेरे प्रेम की भाषा भी समझूँ प्रिये।
तेरे स्पर्श से सजता है मन का उपवन,
तेरे संग ही बहता है मेरा हर क्षण।
तेरी हँसी से महक उठता है जीवन,
तू ही है मेरा श्रंगार, तू ही मेरा वंदन।
तेरे बिना अधूरा लगे ये जहाँ,
तेरे साथ हर ग़म भी लगे मेहरबाँ।
तेरी मुस्कान में जो जादू छुपा,
उसी में बस जाए मेरा हर सपना।
तेरे प्रेम में जो मधुरता है,
वो किसी राग, किसी ग़ज़ल से कम नहीं।
हर जन्म में तुझे ही माँगू,
तू ही आराधना, तू ही आरती मेरी प्रिये।
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✍️📜जितेश भारती