शान्ति चाहिए तो
शान्ति चाहिए तो शक्ति दिखानी पड़ेगी,
माँ भारती बचानी हैं तो युक्ति बनानी पड़ेगी।
अखंड भारत तो कहते हैं गर्व से हम सभी पर,
खंड खंड होने से तो माँ भारती बचानी पड़ेगी ।।
आबरू बचानी हैं तो तलवार उठानी पड़ेगी,
औरो के भरोसे नही खुद आवाज उठानी पड़ेगी।
कायरो के जैसे मोदी योगी चिल्लायेगे कबतक,
आज ही इनको अपनी औकात दिखानी पड़ेगी।।
पुकार से नही ललकार से बात मनवानी पड़ेगी,
गजवा ए हिन्द की पूरी तैयारी मिटानी पड़ेगी।
हिन्दू राष्ट्र तो बनेगा कब पता नही हमको पर,
अहिंसा से नही हिंसा से ही शान्ति लानी पड़ेगी।।
कबूतर नही अब तो बाज उड़ाना पड़ेगा,
खुली आँखो मे अब सपना जगाना पड़ेगा।
मुँह छुपाने से काम चलेगा नही जनाब,
मुँह तोड़ जवाब अब हमको देना पड़ेगा।।
देश धर्म पर तो हमको बलिहारी होना पड़ेगा,
अपने भविष्य के लिए तो आज को खोना पड़ेगा।
खामोशीयो से तो ना सहो जुल्मो सितम प्यारो,
समरभूमि मे तो एक बार हमको उतरना पड़ेगा।।