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27 Mar 2025 · 1 min read

ज़िंदगी पा के

ज़िंदगी पा के
तुझको खोया है।
सोच कर दिल भी
मेरा रोया है ।।
अहमियत उससे पूछो
ख़्वाबों की।
नींद जो अपनी
कभी न सोया है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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