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18 Mar 2025 · 1 min read

अन्य रंग चमकें तभी, जब पट हो श्वेताभ।

अन्य रंग चमकें तभी, जब पट हो श्वेताभ।
शब्द वहीं पर बोलिए , होय जहाँ कुछ लाभ ।।

कह ‘संगीता’ देखिये, बगिया यह संसार
जैसा बीया बोइये, वैसी खिले बहार ।

खुद को जो नर मान दे , जग में पाए मान ।
खुद को समझे तुच्छ जो, पाये वो अपमान ।।

डॉ. संगीता महेश

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